जौनसार बावर कि तलहटी में स्तिथ प्राचीन अश्वमेघ साइट जगतग्राम बरवाला के समीप बाग़ो के बीच एक प्राचीन एवं महत्वपूर्ण विरासत को संजोय हुवे एक रमणीय स्थान है। यँहा चारों और आम के बाग़ है। तथा वातावरण शांति प्रिये है। यह स्थान
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के देख रेख में है।
यंहा पर एक स्तम्भ पर लिखे लेखा अनुसार - यह एक प्राचीन ईंटो से निर्मित यघ वेधिकायें के अव शेष राजा सलिवन (३ शती ईसवी ) द्वारा कराये गए चार अश्वमेध के है। चार में से तीन वेधिकायो के अवशेष भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा सन १९५२ से १९५४ में प्रकाश में लाये गए।
प्राचीन अश्वमेघ साइट जगतग्राम बरवाला
कुछ फोटो जगतग्राम के :
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यघ वेदिकायो के अवशेष |