टिका राम शाह द्वारा लिखी जौनसार बावर ऐतिहासिक संदर्भ नामक पुस्तक का विमोचन शनिवार को विधान सभा अध्यक्ष- गोविन्द सिंह कुंजवाल के द्वारा उनके देहरादून स्तिथ आवास में किया गया।
पुस्तक के लेखक टीकाराम शाह द्वारा लिखी गयी इस पुस्तक पर विगत कई वर्षो से शोधकार्य चल रहा था। पुस्तक का विमोचन करते हुए विधान सभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल ने कहा कि ऐसी पुस्तके हमारी लोक संस्कृति, ऐतिहासिक पृष्टभूमि के लिए दस्तावेज का कार्य करेगी।
इससे पहले ये पुस्तक हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री वीर भद्र सिंह ने ९ नवम्बर को रेणुका माता में चल रहे विशाल कार्येक्रम में इस पुस्तक का विमो चन किया था। वीर भद्र सिंह ने उनके इस योगदान की भरपूर सरहाना की।
उन्होंने जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र की लोक संस्कृति को उत्तराखण्ड की अमूल्य धरोहर मानते हुए कहा कि लेखक टीकाराम शाह जैसे अन्य कई और भी दस्तावेज संगृहित होने चाहिए ताकि हमें ज्ञात हो कि हमारी लोक संस्कृति की ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि क्या है। उन्होंने हिमांचल और जौनसार बावर के रीती रिवाज़ों , देवी देवताओ, व भौगोलिक सरंचना को एक जैसी मानते हुये ये पुस्तक में उससे सम्बंदित इतिहास की भी पुष्टि की है। पुस्तक १६० रंगीन व १०६ साधे सचित्रो के साथ तत्यों की प्रमाणिकता उजागर करते है।
वहीं लेखक टीकाराम शाह ने कहा कि इस पुस्तक से संदर्भित पाण्डुलिपियों साहित्य व तमाम वस्तुओं के लिए उन्हें कई वर्षो तक व्यापक शोध करना पड़ा ।इस पुस्तक का उनका उद्देश्य हिमाचल व् जौनसार बावर की संस्कृति स्वरुप विरासत को आमजन तक पहुचाने की थी। आज वे गदगद हैं कि उन्होंने अपने सपनों का साकार होते देखा है।
पुस्तक विमोचन करते टीकाराम शाह व् अन्य गणमान्ये |
इस पुस्तक विमोचन पर कई स्थानियो ने उनके काम को सरहाना करते हुए कहा की उन्होंने सांस्कृतिक विरासत को संजोते हुये युवा पीढ़ी को सोपने का काम किया है।
टीकाराम शाह जी के साथ जौनसार बावर के कई प्रबुद्ध व समाजसेवी लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। जिनमें महाराज कुमार, उदयप्रकाश, एस0एस0परमार, सुरेन्द्र कुमार, इन्द्र सिंह नेगी इत्यादि शामिल थे