किरिमिरि राक्षस का मेंदर्थ में कहर की कहानी हिंदी में
अंग्रेजी में पड़ने के लिए यंहा क्लिक करे किरिमिरि नामक एक शक्तिशाली राक्षस अपने भोजन के लिए इंसानों व जानवरों का उपभोग करताथा । जो लोग मैंद्रथ में रहते थे,वे उसके आतंक से बहूत आतंकित थे । जो भी जीवित उसकी पहूॅंच मे आता था , वह उसकी हत्या कर उसे खा जाता था । निकटवर्ती ग्रामीणों उसके आतंक व कार्यों से चिंतित थे , इसलिए सभी ग्रामीणों ने उसके खाने के लिए उसे पर्याप्त भोजन के साथ प्रतिदिन उसे एक बकरी प्रदान करने का किरी मिरी से एक समझौता करके राजी कर दिया गया। इसके अलावा वे किरमिरि के आहार समझौते में सप्ताह में एक बार एक मानव मांस की बलि 'भी दी जाने की बात भी रखी गयी थी । किरमिरि खुशी से इस पर सहमत हो गया । ग्रामीणों को एक-एक करके प्रत्येक परिवार समझौते की मांगों को पूरा करने के लिए जिम्मेदारी कि योजना बनाई थी । तदनुसार, हर हफ्ते एक जिम्मेदार परिवार के एक सदस्य का बलिदान करना पडता था । शैतान को खिलाने के लिए जिम्मेदार एक परिवार, को महान दुःख का सामना करना पड़ता था । यह परंपरा वर्षों तक जारी रही ।इस परंपरा के चलते धीरे-धीरे गांव की आबादी में कमी आई। इसी गांव में 'हुना बाट' नाम के एक संत भी रहते थे । उसकी पत्नी का नाम 'कलावती' था। युगल के छह में से सात बच्चों को किरमिरि के आहार के रूप में बलिदान कर दिया था। , सिर्फ एक छोटा बच्चा , शेष था। अगले महीने शैतान को बली की उनके परिवार की बारी थी जैसा की निर्धारित किया गया था। शैतान को खिलाने के लिए बलिदान किसका होगा, इस विषय पर रात को बिस्तर पर जाने से पहले जब संत सोच रहा था? तो उसके मन मे विडंबना थी की यदि वह खुद को बलिदान करे तो उसके परिवार का ख्याल कोंन रखेगा बच्चा अभी मासूम था। वह अपनी पत्नी का त्याग करता तो उसके वंश ही समाप्त हो जाता । युगल अचानक इस पर सोच में रहा था, कि कलावती "अरे महासू" चिल्लायी और वह बेहोश हो गयी । उसे बेहोशी की हालत में एक चमकती भड़कती रोशनी का एहसास होता है और उसे एक सपना सा आता है जिसमे 'महासू देवता' उसे दर्शन दिये महासु देवता ने अपना पता कश्मीर बताते हुये देवता ने सपने मे कहा, "मेरे पास अपने पति को भेजो और हम उस शैतान को मारने के लिए आ जायेंगे "ऐसा बोलते ही बिजली की चमक जिसके माध्यम से ये उसे महासू देवता से संम्पर्क हो रहा था अचानक बिजली चमक गायब हो गयी और कलावती सपने से उटी । उसने हुना बाट को उसके सपने के बारे में बताया और हूणा को कश्मीर जाने के लिए आग्रह करने लगी । हुना बाट ने पहले से ही अपने पूर्वजों से कश्मीर में महासू देवता के बारे में सुना था , तो उसने कलावती बात मान ली और मौत के डर से वह अपनी पत्नी के अनुरोध पर हुना बाट ने कश्मीर का दौरा करने का फैसला किया।